Top Guidelines Of best hindi story
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एक गाँव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण अनपढ़ था इसलिए वह कोई काम नहीं कर सकता था। एक दिन ब्राह्मण की पत्नी ने उसे राजा के पास अपनी समस्या ले कर जाने की सलाह दी। ब्राह्मण ने राजा के पास जा कर उसे आशीर्वाद दिया। राजा ने ब्राह्मण से खुश हो कर एक पर्ची दी और उस पर्ची को खजांची के पास ले जा कर अपना इनाम लेने को कहा। ब्राह्मण बहुत खुश हुआ। वह अक्सर राजा के पास आने लगा।
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हरिशंकर परसाई: हिंदी के महान व्यंग्यकार जिन्होंने अपने समकालीन लेखकों को भी नहीं बख़्शा
मोरल – विषम परिस्थितियों में भी अपने स्वभाव को नहीं बदलना चाहिए।
यह बच्चों के लिए एक गुजराती लोक कथा है।
सियार सीधा राजा के पास गया और वहां जा के सियार ने किसान के बारे में राजा को सब बताया। राजा बहुत दिन से अपने खेतों के लिए एक ऐसा ही मेहनती किसान ढूंढ रहा था और उसने सियार से किसान को राजमहल लाने को कहा।
चोर बस इतना ही कर के नहीं माने, उन्होंने सभी व्यापारियों को मस्ती के लिए नाचने और गाने के लिए कहा। अचानक व्यापारियों के नेता को एक विचार आया। उन्होंने अपनी गुप्त भाषा के जरिए खुद को here बचाने की अपनी योजना बनायी। और फिर व्यापारियों ने चोरों को मुर्ख बना अपना सारा सामान भी वापिस ले लिया और अच्छा सबक भी सिखाया।
सुरीली दोनों गीदड़ को अपने सिंघ से मार-मार कर रोक रही थी।
कहानी गद्य की सर्वाधिक लोकप्रिय विधा है। यह मानव-सभ्यता के आरंभ से ही किसी न किसी रूप में विद्यमान रही है। भारतीय परंपरा में इसका मूल ‘कथा’ में है। आधुनिक संदर्भों में इसका अभिप्राय अँग्रेज़ी के ‘शॉर्ट स्टोरी मूवमेंट’ से प्रभावित कहानी-परंपरा से है। इसका मुख्य गुण यथार्थवादी दृष्टिकोण है। हिंदी में कहानी का आरंभ अनूदित कहानियों से हुआ, फिर ‘सरस्वती’ पत्रिका के प्रकाशन के साथ मौलिक कहानियों का प्रसार बढ़ा। हिंदी कहानी के विकास में प्रेमचंद का अप्रतिम योगदान माना जाता है। प्रेमचंदोत्तर युग में जैनेंद्र, यशपाल सरीखे कहानीकारों ने नई परंपराओं का विस्तार किया। स्वातंत्र्योत्तर युग में नए वादों, विमर्शों और आंदोलन के साथ हिंदी कहानी और समृद्ध हुई।
मोरल – संसार में मां की ममता का कोई जोड़ नहीं है अपनी जान विपत्ति में डालकर भी अपने बच्चों के हित में कार्य करती है।
सियार ने उस से अपनी जान बचाने की गुज़ारिश की। किसान को सियार पर दया आ गयी और उसने सियार को बर्तन से मुक्त कर दिया। सियार ने किसान को धन्यवाद दिया और किसान की मदद का वडा कर के वहां से चला गया।
लेकिन तब ठीक यही तर्क अपने अंतिम समय तक उसी लिपि में लिखनेवाले मुंशी प्रेमचंद पर भी लागू होता है. प्रेमचंद और मंटो दोनों हिंदी-उर्दू कथा साहित्य के अनमोल धरोहर हैं.)
मोती तीसरी कक्षा में पढ़ता है। वह स्कूल जाते समय अपने साथ दो रोटी लेकर जाता था। रास्ते में मंदिर के बाहर एक छोटी सी गाय रहती थी। वह दोनों रोटी उस गाय को खिलाया करता था।
एक दिन की बात है, वेद को खेलते खेलते चोट लग गई। वेद के दोस्तों ने वेद को उठाकर घर पहुंचाया और उसकी मम्मी से उसके चोट लगने की बात बताई, इस पर वेद को मालिश किया गया।